{ नज्म }दीप ज़िरवी
दीप ज़िरवी
तन्हाई का कैसा यारो फंडा
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
फूल कही हो खुशबु उसके साथ रहे ,
खुशबू हो जो वो भी हवा के साथ बहे
खुशबु से हम सब का दामन भरता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ,
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दिल के साथ है धड़कन ,
आँख के साथ स्वप्न ,
सुखदुख साथ में मिलके बनता है जीवन ।
जीवन धार में मिलके जीवन चलता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ।
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दीप के साथ है ज्योति ,
मोती सीप में है
मीठी पीरहा देखिये गीत में है ।
कांटे फूल के साथ हैं
फूल महकता है ।
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
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deepzirvi9815524600
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