. भगत सिंह वादी ;या हों वो गांधी वादी ;...
आ गई आज़ादी लो छा गई आज़ादी पूँजी-शावकों को लो भा गई आज़ादी .
भगत सिंह वादी ;या हों वो गांधी वादी ; देखें वो पूँजी -सुरसा ,लो खा गई आजादी 'चीन में बना -माल 'पाटे बाज़ारों को ;अमरीकी धौंस हर दिन दबा गई आज़ादी .
लाड चाव पूरे हुए न दुल्हन के ,और देखो कैसे कब से मुरझा गई आज़ादी ,
शिक्षा -चकित्सा-न्याय मुफ्त में मिलेंगे ; तीनों मदों की कीमत बढ़वा गई आज़ादी .
लोक-लाज,लोकराज मूल भाव भूला ;धन -बाहु-जाति-बल से छाए अपराधी .
फाके धक्के भ्रष्ट-तन्त्र मिला जन गण को ;स्विस बैंक धारकों की आ गई आजादी
दीप जीरवी
भगत सिंह वादी ;या हों वो गांधी वादी ; देखें वो पूँजी -सुरसा ,लो खा गई आजादी 'चीन में बना -माल 'पाटे बाज़ारों को ;अमरीकी धौंस हर दिन दबा गई आज़ादी .
लाड चाव पूरे हुए न दुल्हन के ,और देखो कैसे कब से मुरझा गई आज़ादी ,
शिक्षा -चकित्सा-न्याय मुफ्त में मिलेंगे ; तीनों मदों की कीमत बढ़वा गई आज़ादी .
लोक-लाज,लोकराज मूल भाव भूला ;धन -बाहु-जाति-बल से छाए अपराधी .
फाके धक्के भ्रष्ट-तन्त्र मिला जन गण को ;स्विस बैंक धारकों की आ गई आजादी
दीप जीरवी
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