dये नेता अक्सर देखा अपने वादे भूल जाते हैं ;
ये लेना याद रखते हैं व् देना भूल जाते हैं .
ये गिरगिट के गुरू इन से हमेशा फासला रखियो ;
जो इन में मिल के चलते हैं वो रस्ता भूल जाते हैं .
इन्हें तो वोट की हांडी पकाने का हुनर आए ;
जो ये अपनी पे आते है मानवता भूल जाते हैं .
ये मिल बैठे सगे भाई लड़ाकर भी दिखा दें गे ;
ये लेना याद रखते हैं व् देना भूल जाते हैं .
ये गिरगिट के गुरू इन से हमेशा फासला रखियो ;
जो इन में मिल के चलते हैं वो रस्ता भूल जाते हैं .
इन्हें तो वोट की हांडी पकाने का हुनर आए ;
जो ये अपनी पे आते है मानवता भूल जाते हैं .
ये मिल बैठे सगे भाई लड़ाकर भी दिखा दें गे ;
जिन्हें डसते हैं ये मन से वो ममता भूल जाते हैं .
चिनाएँ गे ये दीवारें लहू मज्जा औ हड्डी से ;
कि नर भक्षी भी इन के सामने सब भूल जाते हैं
दीप जीर्वी
चिनाएँ गे ये दीवारें लहू मज्जा औ हड्डी से ;
कि नर भक्षी भी इन के सामने सब भूल जाते हैं
दीप जीर्वी
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