मानो तो रूह क़ा नाता है जी ये राखी
मानो तो रूह क़ा नाता है जी ये राखी
न मानो कच्चा धागा है जी ये राखी .
जो राखी को दम्भ-आडम्बर मानते हैं ;
उन का मन भी तो अपनाता है ये राखी .
बहना के मन से उपजी हर इक दुआ है ये ;
भाई-बहन से बंधवाता है ये राखी .
सभ्य समाज की नींव के पत्थर नातों का ;
आधार बना है ये नाता है ये राखी .
हर दुःख-सुख में बहना के संग रहने का
मूक वचन है इक वादा है ये राखी .
जो जो भाई बहन का नाता रखते हैं
उन का मन मन से बंध वाता है ये राखी .
दीप जीरवी
-- न मानो कच्चा धागा है जी ये राखी .
जो राखी को दम्भ-आडम्बर मानते हैं ;
उन का मन भी तो अपनाता है ये राखी .
बहना के मन से उपजी हर इक दुआ है ये ;
भाई-बहन से बंधवाता है ये राखी .
सभ्य समाज की नींव के पत्थर नातों का ;
आधार बना है ये नाता है ये राखी .
हर दुःख-सुख में बहना के संग रहने का
मूक वचन है इक वादा है ये राखी .
जो जो भाई बहन का नाता रखते हैं
उन का मन मन से बंध वाता है ये राखी .
दीप जीरवी
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