होंठों पर मुस्कान हैं ,ह्रदय बिरहा शूल ;
मिलते हैं कुछ जगत में प्रेम भाव के मूल .
ऐसे लोग हैं जगत में ,प्रेम भाव के मूल .
प्रेम भाव के मूल ,प्रेम गंगोत्री हैं यह .
यही धरा के सूर्य ,सितारे और दिवाकर .
ह्रदय बिरहा शूल जिन के मुस्कान होंठों पर
दीप जीरवी
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