आओ हे ऋतू राज स्वागत
आओ हे ऋतू राज स्वागत
ऋतुओं के सरताज स्वागत .
कलियों पे यौवन उमड़ा है
फूलों ने खुशबु पहनी है .
बागों में अमुआ फूले हैं
कोकिल की तरुणाई कू कू
पीत-वसन-धर आज स्वागत
आओ हे ऋतू राज स्वागत
ऋतुओं के सरताज स्वागत .
हरी ओढ़नी पहने वसुधा
षोडशी सम सुंदर मनभावन
दिखते जल थल नभ अति सुंदर
हे जीवन - धर आज स्वागत.
आओ हे ऋतू राज स्वागत
ऋतुओं के सरताज स्वागत .
मदन पुष्पधन्वा ले निकला
रति-कल मदमाता सा है
ये मन कोमल तन मांसल को
रति -पति अकुलाता सा है
पुष्पधन्वा धर आज स्वागत
आओ हे ऋतू राज स्वागत
ऋतुओं के सरताज स्वागत .
दीप जीरवी
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