नाम रखा के दीप है जलना मेरा काम
आठ प्रहर में निमिष भर ,अब तो नहीं आराम .
अब तो नहीं आराम ,बिना दीदार सजन के .
मन मन्दिर में आन बढाई रे फबन ये .
रसना पर है हर घड़ी ,अब तो श्याम ही श्याम .
धक धक करना भूल ,स्पंदन जपते हैं प्रिय नाम
दीप जीरवी
जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM
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