नारी दिवस को समर्पित....
माता ममता रूप है ,बिटिया बहना प्यार ;
प्रेयसी अर्धांग्नी बने ,अपरिमित अनुराग ;
अपरिमित अनुराग ,स्नेह विश्वास अपारा
सकल चराचर जगत दिखे यह मात -अधारा ;
जगदीश्वर इस जगत को विविध स्वरूप दिखाता
सुख दायक मनभावन नारी रूप में आता
दीप ज़ीर्वी
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