धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

07 March, 2012

वो होली क्या थी होली
ये होली अब क्या हो ली
वो होली जब जल अपने थे
जब रहन हुए न सपने थे
जब हरयाली थी हर घर में
मन-खुश-हाली थी हर घर में
-
अब जन संसाधन रहन हुए
अब जल संसाधन रहन हुए
अब जल धन दे कर मिलता है
बाज़ार में जा कर मिलता है
वो होली क्या थी होली
ये होली अब क्या हो ली
दीप जीरवी
DEEP ZIRVI

0 Comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home