हम राह देखते है ..
तेरी बज्म सजाने आएंगे न दोबारा.
मैं रूठ ही न जाऊं ले मुझ को बुला यारा '
पाना जो मुझ को पूरा ,खोना तो पूरा पूरा
टुकड़ों में बंट के जीना ,मुझको नहीं गवारा .
तुम याद आ रहे हो ,मैं याद कर रहा हूँ
तुम ले रहे हो हिचकी ले नाम भी हमारा .
तुम जब लटों में अपनी उंगली फिराओ उस दम.
हम सोचते हैं बरसेंगे मेघ कब यह यारा .
कासिद भी ख़ाली लौटा ,कौआ नहीं है बोला .
हम राह देखते है देखो सनम तुम्हारा .
दीप जीरवी
मैं रूठ ही न जाऊं ले मुझ को बुला यारा '
पाना जो मुझ को पूरा ,खोना तो पूरा पूरा
टुकड़ों में बंट के जीना ,मुझको नहीं गवारा .
तुम याद आ रहे हो ,मैं याद कर रहा हूँ
तुम ले रहे हो हिचकी ले नाम भी हमारा .
तुम जब लटों में अपनी उंगली फिराओ उस दम.
हम सोचते हैं बरसेंगे मेघ कब यह यारा .
कासिद भी ख़ाली लौटा ,कौआ नहीं है बोला .
हम राह देखते है देखो सनम तुम्हारा .
दीप जीरवी
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