दंत धवल ,और कुंतल श्यामल;
देह धधकता ज्यों बडवानल .
नेत्र मादक मोहक सुंदर ;
काम-रति कुच उत्तम मांसल
.
श्वास श्वास ,सब केशर चन्दन ,
चुनरी भरा तरिका मंडल .
रस-सागर रक्तिम मनभावन
कटि कमान ,और चितवन चंचल .
दीप शिखा ,हिय वासिनी ,कमलिनी '
अधरामृत अभिलाषी पल पल .
दीप जीरवी
देह धधकता ज्यों बडवानल .
नेत्र मादक मोहक सुंदर ;
काम-रति कुच उत्तम मांसल
.
श्वास श्वास ,सब केशर चन्दन ,
चुनरी भरा तरिका मंडल .
रस-सागर रक्तिम मनभावन
कटि कमान ,और चितवन चंचल .
दीप शिखा ,हिय वासिनी ,कमलिनी '
अधरामृत अभिलाषी पल पल .
दीप जीरवी
1 Comments:
At August 23, 2012 at 8:24 PM ,
Charanjeet said...
kyaa hi khoob,janaab
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