धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

17 April, 2010






सच है दुनियावालो:

jise dil ki "KALAM" or bharose ki "INK" kehte hai, jise lamho ki "KITAB" or yaado ka "COVER" kehte hai, yahi wo "SUBJECT" hai jise log "FRIENDSHIP" kehte hai. GOOD MORNING.

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13 April, 2010

मैं तुझे ओढ़ता बिछाता रहू






मैं तुझे ओढ़ता बिछाता रहू 
तुम से तुम को सनम चुराता रहू .
तू मेरी ज़िन्दगी है जान.ए.गज़ल 
ज़िन्दगी भर तुझे ही गाता रहू.
तुम यूँही मेरे साथ साथ चलो ,
मैं जमाने के नभ पे छाता रहू .
गुल जो पूछे कि महक कैसी कहो?
तेरी खुशबु से मैं मिलाता रहू .
ऐ मुहब्बत नगर की देवी सुनो ,
तेरे दर पर दीप इक जलाता रहू  
दीप जीर्वी --

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