शब्द भाव लय ताल न ,उस पर हूँ स्वर हीन. शरण गहूँ मां शारदा , रखना ममताधीन .
शब्द भाव लय ताल न ,उस पर हूँ स्वर हीन.
शरण गहूँ मां शारदा , रखना ममताधीन .
शरण तुम्हारे शारदा ,वन्दौ शारदा मात ;
अभयदान चाहूं सदा ,बसौ सदा ही साथ
वन्दन क्रन्दन दीन का .सुन लो आर्त नाद ;
.मस्तिक में ज्योति जगे ,जाग ज्वाला जाग .
शब्द भाव लय ताल न ,उस पर हूँ स्वर हीन.
शरण गहूँ मां शारदा , रखना ममताधीन .
दीप ज़ीर्वी
0 Comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home