धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

01 September, 2012

तुम रुको ना कभी पग बढ़ाते चलो ...

मुस्कुराते रहो गुनगुनाते रहो
आंसुओं  पे यूँ पर्दा गिराते रहो .

बन के मुरली ही तानें सुनाते रहो ;
छेद तन-मन के सारे छिपाते रहो .

भेद डालों मनोहारी सुर से जगत ;
भेद मन का जो मन में पचाते चलो .

मोहनी बन के हर मन को हरते रहो ;
रह गई पीर अपनी बनाते चलो

तुम चलों तो चले संग धरती गगन ;
तुम रुको ना कभी पग बढ़ाते चलो
दीप जीरवी

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