धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

07 October, 2010

कोई अगर लाजवाब हो तो ; वो आवे देखे जवाब अपना

दराज़ पलकें ,हसीन चेहरा ,वो दिलकशी और वो जो नजाकत ;
कोई अगर लाजवाब हो तो ; वो आवे देखे जवाब अपना .
न मयकदा कोई रहना बाकी , न मयकशी न कहीं हो साकी;
अगर पलट दे मेरा ये दिलबर ,जरा रुखों से नकाब अपना .
खनकती आवाज़ शीशे जैसी ,लचकती सी चाल हाय रब्बा ;
वो माथे पे झूले नाग बच्ची ;समझ के जुल्फों को नाग अपना .
किसी मुस्स्विर का ख्वाब वो है किसी तस्सवुर की है हकीकत ;
अगर कभी उसको देख ले तो; संवारे रागी रबाब अपना .
अभी मेरे पास वो खडी थी ,अभी मेरे पास वो नही है ;
सदा मेरे साथ साथ चलती ,खिला तस्सवुर में बाग़ अपना.
कोई उसे है आग कहता ,कोई उसे तो है राग कहता ;
कोई संवारे उसे रंगों में,कोई तराशे है ताज अपना .
दीप जीरवी... 

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