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- हमे फिर यादआया वो जमाना
- सूरजों की बस्ती थी ,जुगनुओं का डेरा है
- अभी इश्क के इम्तिहान और भी है ,
- शाख से टूटकर कहाँ आया ,
- बडे खामोश रहते हैं अभी हम,
- drshneey
- तन्हाई का कैसा यारो फंडाकोई कैसे तन्हा भी हो सकता ...
- दीप्काव्यन्जली , अनुभूतियों को शब्दों का कलेवर दे ...
- पनघट पनघट वो दिलबर को ढूंढे है ,
- काश हर आह सर्द हो जाये,
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