
तन्हाई का कैसा यारो फंडा
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
फूल कही हो खुशबु उसके साथ रहे ,
खुशबू हो जो वो भी हवा के साथ बहे
खुशबु से हम सब का दामन भरता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ,
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दिल के साथ है धड़कन ,
आँख के साथ स्वप्न ,
सुखदुख साथ में मिलके बनता है जीवन ।
जीवन धार में मिलके जीवन चलता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ।
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दीप के साथ है ज्योति ,
मोती सीप में है
मीठी पीरहा देखिये गीत में है ।
कांटे फूल के साथ हैं
फूल महकता है ।
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है
deepzirvi@yahoo.co.in
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
फूल कही हो खुशबु उसके साथ रहे ,
खुशबू हो जो वो भी हवा के साथ बहे
खुशबु से हम सब का दामन भरता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ,
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दिल के साथ है धड़कन ,
आँख के साथ स्वप्न ,
सुखदुख साथ में मिलके बनता है जीवन ।
जीवन धार में मिलके जीवन चलता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ।
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दीप के साथ है ज्योति ,
मोती सीप में है
मीठी पीरहा देखिये गीत में है ।
कांटे फूल के साथ हैं
फूल महकता है ।
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है
deepzirvi@yahoo.co.in
Labels: नज्म
2 Comments:
At July 25, 2009 at 9:53 AM ,
संगीता पुरी said...
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
At August 18, 2009 at 10:04 AM ,
ਦੀਪ ਜੀਰਵੀ DEEP ZIRVI said...
dhnyavaad
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