जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद
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13 July, 2009
पनघट पनघट वो दिलबर को ढूंढे है ,
पनघट पनघट वो दिलबर को ढूंढे है , मर घट मरघट उस को भी है ढूंढ रहा.. दीप जीरवी
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