धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

11 August, 2011

हर तरफ से आ रही कैसी सदा

हर तरफ से आ रही कैसी सदा
चल पड़ी है देखिये कैसी हवा
घुल रही है जिंदगी पलपल मेरी
वो बरस ;बरसों बरस बरसा किया .
धुंधलके में शाम के देखा था कल ;
पल सुनहरा था कोई लटका हुआ .
उस ने काटा सर तो हमने उफ़ न की ;
हम जरा सा छू गए बलवा हुआ .

  आपने पहना जो रेशम हो गया  ;

मुझको समझा टाट का टुकड़ा है क्या
वो फसाना तेरी उल्फत का हसीन
जैसे कतरा     तार पर लटका हुआ .
फासले का फैसला है आपका ;
   दीप से  पर आपने शिकवा
किया

दीपज़ीर्वी

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