धनक -THE RAIN BOW

जीवन अनेक रंगों में रंगा मिलता है ;जीवन रंगो में रंगे धनक को सुधि पाठकों के लिए समर्पित करता हूँ ; धन्यवाद DHANAK.THERAINBOW KITAB PAANAY KE LIYE SAMPRK KREIN 9814087063 EMAIL I.D. IS DHANAKTHERAINBOW @GMAIL.COM

19 November, 2010

महक उठेगी रात की रानी

महक उठेगी रात की रानी
तेरी वेणी में सज कर ही.
चंदनिया शीतल हो गी पर
तेरी काया से लग कर ही .


सुमन सुशोभित हों  उप वन में

तेरे आँचल के छूते ही
मानस तल पर विविध छटाएं
बिखरें तुम को छू पल भर ही .

मन मयूर करे नृत्य सुहाना

पुलकित होता हर्षाता है
जब छाते  हैं कुंतल श्यामल
बस तेरे मुख के नभ  पर ही

मन की सीमा से आगे भी

देखो कई असीम गगन हैं
सोच विहग है आतुर  पल पल

मेरा मन सुख के पथ पर ही .
दीप ज़ीरवी     9815524600


 

2 Comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home